Wednesday 26 August 2015

सांस फूलना

 सांस फूलना

1.जिन लोगों को सांस फूलने की शिकायत हो,वे दही की कढ़ी में देसी घी डालकर खाएं। जल्द आराम मिलेगा।

आंवले के औषधीय प्रयोग

आंवले के औषधीय प्रयोग
 
जो मनुष्य आंवले का रस १० से १५ मि.ली., शहद १० से १५ ग्राम, मिश्री १० से १५ ग्रामऔर घी २० ग्राम मिलाकर चाटता है तथा पथ्य भोजन करता है, उससे वृद्धावस्था दूररहती है l इस प्रयोग से शारीर में गर्मी, रक्त, चमड़ी तथा अम्लपित्त के रोग दूर होते हैं और शक्ति मिलती है l 
 
आंवला घृतकुमारी के संग पीने से पित्त का नाश होता है l 
 
१५-२० मि.ली. आंवलों का रस तथा एक चम्मच शहद मिलाकर चटाने से आँखों की रोशनी में वृद्धि होती है l 
 
सर्दी या कफ्फ की तकलीफ हो तो आंवले के १५-२० मि.ली. रस या १ ग्राम (पाँव चम्मच) चूर्ण में १ ग्राम हल्दी मिलाकर लें l 
 
१-२ आंवले और १०-२० ग्राम काले तिल रोज़ सुबह चबाकर खाने से स्मरणशक्ति तेज़ होजाती है l 
 
आंवले का रस और शुद्ध शहद सामान मात्रा में लेकर मिला लें l इस मिश्रण को प्रतिदिनरात के समय आँखों में आंजने से आँखों का धुंधलापन कम हो जाता है l इस मिश्रण को पीने से भी फायदा होता है l 
 
मैले दांत चमकाने हों तो दांतों पर आंवले के रस से मालिश करें l आंवले के रस मेंसरसों का तेल मिलाकर मसूड़ों पर हलकी मालिश करने से भी बहुत फायदा होता है l 
 
२५० ग्राम आंवले के चूर्ण में ५० ग्राम लहसुन पीसकर यह मिश्रण शहद में डुबाकर पंद्रहदिन तक धूप में रखें l उसके पश्चात् हर रोज़ एक चम्मच मिश्रण खा लें l यह एक उत्तमह्रदय-पोषक है l यह प्रयोग ह्रदय को मज़बूत बनाने वाला एक सरल इलाज है l 
 
रक्तचाप, ह्रदय का बढ़ना, मानसिक तनाव (डिप्रेशन), अनिद्रा जैसे रोगों में २० ग्रामगाजर के रस के साथ ४० ग्राम आंवले का रस लेना चाहिए l 
 
आधा भोजन करने के पश्चात् हरे आंवलों का ३० ग्राम रस आधा ग्लास पानी मेंमिलाकर पी लें l फिर शेष आधा भोजन करें l यह प्रयोग २१ दिन तक करें l इससे ह्रदय वमस्तिष्क की कमजोरी दूर होती है तथा स्वास्थ्य सुधरता है l 
 
सूखे आंवले तथा सुखा धनिया सामान मात्रा में लेकर रात को कुल्लढ में इक्कठे भिगो दें lसुबह छान के मिश्री मिलाकर पियें l इससे पेशाब की जलन दूर होती है तथा मूत्ररोगोंमें लाभ होता है l 
 
दो चम्मच कच्चे आंवले का रस और दो चम्मच कच्ची हल्दी का रस शहद के साथ लेने से प्रमेह मिट जाता है l कुछ दिनों तक प्रयोग करने से मधुमेह नियंत्रण में आजाता है तथा सभी तरह के मूत्र-विकारों से छुटकारा मिल जाता है l 
 
आंवले का चूर्ण गौमूत्र में घोंटकर शरीर पर लगाने से तुरंत पित्तियां दब जाती हैं l

वजन घटाए, सेहत बनाए टमाटर

टमाटर

वजन घटाए, सेहत बनाए टमाटर

(टमाटर सेवफल व संतरा दोनों के गुणों से युक्त होता है।)
विभा मित्तल
  1. पूरे शरीर को ऊर्जा देता और लीवर संबंधी विकारों को दूर करता है। 
  2. इसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होती है, जिस कारण एक उत्तम भोजन माना जाता है।
  3. इसके लगातार सेवन से जिगर बेहतर ढंग से काम करता है और गैस की शिकायत भी दूर होती है।
  4. अगर आपको डायबिटीज है तो टमाटर का नियमित सेवन करें। यह पेशाब में चीनी की मात्र पर नियंत्रण पाने के लिए प्रभावशाली है। 
  5. एक मध्यम आकार के टमाटर में केवल 12 कैलोरीज होती है, इसलिए इसे वजन कम करने के लिए काफी उपयुक्त माना जाता है। वजन कम करना चाहते हैं तो सुबह-शाम एक गिलास टमाटर का रस पीएं, लाभ होगा।
  6. टमाटर इतने पौष्टिक होते हैं कि सुबह नाश्ते में केवल दो टमाटर संपूर्ण भोजन के बराबर माने जाते हैं।
  7. पके लाल टमाटर खाने वालों को कैंसर रोग की आशंका कम हो जाती है।
  8. इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
  9. टमाटर को काटकर उस पर काली मिर्च और सेंधा नमक डालकर खाएं। भूख बढ़ेगी, आंतों में मौजूद कीड़े मरेंगे।
  10. बच्चों को सूखा रोग होने पर आधा गिलास टमाटर के रस का सेवन कराने से फायदा होता है।
  11. गठिया रोग हो तो एक गिलास टमाटर के रस की सोंठ तैयार करें व एक चम्मच अजवायन का चूर्ण मिलाकर सुबह-शाम पीएं, लाभ होगा।-हिंदुस्तान, 16-11-11
    स्वास्थ्य रक्षक एवं पुष्टिकारक फल टमाटर 
     
    टमाटर केवल एक पौष्टिक शुद्ध आहार ही नहीं, बल्कि एक गुणकारी औषधि भी है। टमाटर में आहारोपयोगी पोषक तत्व काफी मात्रा में पाए जाने के कारण यह हरी सागसब्जियों में एवं फल के रूप में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। साग के अलावा टमाटर का उपयोग अचार, सूप, सैंडविच तथा सॉस आदि बनाने में भी होता है।
     
    टमाटर की प्रकृति न गर्म है, न ठंडी। टमाटर रस और विपाक में खट्‌टा, रूचिकर, अग्नि प्रदीपक, पाचक, सारक और रक्तशोधक होता है। अग्निमाध, मेदवृद्धि, उदर शूल तथा रक्त विकार में यह हितकारी है। टमाटर वायुनाशक है। टमाटर में लौह, चूना, पोटाश, लवण, मैग्नीज आदि अन्य सब्जियों तथा फलों की अपेक्षा अधिक पाए जाते हैं। ऑक्सेलिक एसिड, मैलिक एसिड तथा साइट्रिक एसिड भी टमाटर में पाए जाते हैं। छह प्रकार के विटामिनों में पांच विटामिन टमाटर में होते हैं। पके टमाटर में विटामिन ए, बी और सी प्रचुर मात्रा में होते हैं।
    औषधीय प्रयोग
    1. कब्ज : प्रतिदिन 50 ग्राम कच्चा टमाटर खाने से कब्ज दूर होती है। पके टमाटर का आधा कप सूप पीने से पुरानी कब्ज दूर होती है।
    2. पाचन शक्तिवर्द्धक : टमाटर के टुक़डे कर उन पर सौंठ व सेंधा नमक का चूर्ण बुरककर खाने से पाचन शक्ति ब़ढती है, अग्निमाघ, अफारा व अरूचि दूर होती है।
    3. मुंह के छाले : टमाटर का रस पानी में मिलाकर कुल्ले करने से छाले मिट जाते हैं।
    4. बुखार : बुखार में रक्त में विजातीय द्रव्य ब़ढ जाते हैं। टमाटर का सूप इन तत्वों को निकाल देता है। इससे रोगी को आराम मिलता है, लेकिन यह केवल सामान्य बुखार में ही देना चाहिए। 
    5. कृमिनाशक : टमाटर के रस में हींग का बघार लगाकर पीने से कृमि रोग में फायदा होता है। खाली पेट लाल टमाटर काली मिर्च व नमक मिलाकर खाने से भी कृमि मर जाते हैं।
    6. रतौंधी : सुबहशाम टमाटर का रस पीने से अल्पदृष्टि में लाभ होता है तथा आंखों की रोशनी ब़ढती है।
    7. शिशु शक्तिवर्द्धक : शिशु की माताएं टमाटर खाएं तथा शिशु को टमाटर का ताजा रस दिन में 2-3 बार पिलाएं। इससे शिशुओं का शारीरिक विकास अच्छा होता है, पाचन शक्ति अच्छी रहती है तथा दांत आने में कठिनाई नहीं होती।
    8. खुजली : टमाटर का रस एक चम्मच और नारियल का तेल दो चम्मच मिलाकर शरीर पर मालिश करने से तथा कुछ समय बाद गुनगुने पानी से स्नान करने से खुजली मिटती है।
    9. रक्त विकार : पके टमाटर के ताजे रस में पानी और थ़ोडा सा शहद मिलाकर पीने से रक्त विकार तथा रक्त पित्त दूर होता है।
    10. शक्तिवर्द्धक : प्रातः काल नाश्ते में एक गिलास टमाटर के रस में थ़ोडा सा शहद मिलाकर पीने से चेहरा टमाटर की तरह सुर्ख निखर जाता है। टमाटर यकृत, फेफ़डों को शक्ति देता है, स्मरण शक्ति बढाता है तथा रक्तचाप घटाता है।
    सावधानी : टमाटर गुणकारी होने के साथ ही पथरी, अम्लपित्त, आमवात, शीतपित्ती, सूजन, संधिवात के रोगियों के लिए हितकर नहीं है, अतः उन्हें टमाटर नहीं खाना चाहिए। जिनके शरीर में गर्मी की मात्रा अधिक हो, मांसपेशियों में दर्द रहता हो, तेज खांसी चलती हो, पेट आंतों व गर्भाशय में उपदंश हो, उन्हें भी टमाटर से परहेज करना चाहिए, न ही टमाटर का सूप आदि पीना चाहिए।

मोटापा घटाने केलिए कुछ आयुर्वेदिक नुस्खेँ

मोटापा घटाने केलिए कुछ आयुर्वेदिक नुस्खेँ

मोटापे को लेकरकई लोग परेशानरहतें हैं और इससेछुटकारा पाना चाहतेंहैं ! कुछ उपाय ढूंढकर उनको प्रयोग में लातें हैं लेकिन कई बार ऐसा देखा गया हैकि हर उपाय हरआदमी के लिएफायदेमंदनहीं हो पाता हैजिसके कारणउनको निराश होनेकि आवश्यकतानहीं है औरउनको दुसरा उपायअपनाना चाहिए !आज में आपके सामनें मोटापे को दूर भगाने के लिए कुछ सामान्यआयुर्वेदिक नुस्खेँ लेकर आया हूँ! जिनका प्रयोग करके फायदा उठाया जा सकता है !

1. मूली के रस मेंथोडा नमक और निम्बूका रस मिलाकरनियमित रूप से पीने से मोटापा कमहो जाता है और शरीरसुडौल हो जाता है !

2. गेहूं, चावल, बाजराऔर साबुत मूंगको समान मात्रा मेंलेकर सेककरइसका दलियाबना लें !इस दलिये में अजवायन 20 ग्राम तथा सफ़ेदतिल 50 ग्रामभी मिला दें ! 50 ग्रामदलिये को 400मि.ली.पानी मेंपकाएं !स्वादानुसार सब्जियां और हल्का नमक मिला लें !नियमित रूप से एकमहीनें तक इस दलिये के सेवन से मोटापा और मधुमेह में आश्चर्यजनकलाभ होता है !

3. अश्वगंधा के एकपत्ते को हाथ सेमसलकर गोली बनाकर प्रतिदिनसुबह,दोपहर,शामको भोजन से एकघंटा पहलेया खाली पेट जल केसाथ निगल लें ! एकसप्ताह के नियमितसेवन के साथफल, सब्जियों, दूध, छाछ और जूस पर रहते हुए कईकिलो वजन कमकिया जा सकता है !

4. आहार में गेहूं केआटे और मैदा से बनेसभी व्यंजनों का सेवन एक माह तक बिलकुल बंद रखें ! इसमें रोटी भीशामिल है !अपना पेट पहले के4-6 दिन तक केवलदाल, सब्जियां औरमौसमी फल खाकरही भरें ! दालों में आपसिर्फ छिलकेवाली मूंग कि दाल, अरहर या मसूर कि दाल ही ले सकतें हैं चनें या उडदकि दाल नहीं !सब्जियों में जो इच्छा करें वही ले सकते हैं !गाजर, मूली, ककड़ी,पालक, पतागोभी, पके टमाटर औरहरी मिर्च लेकरसलाद बना लें ! सलाद पर मनचाही मात्रा में कालीमिर्च, सैंधा नमक, जीरा बुरककर औरनिम्बू निचोड़ करखाएं ! बस गेहूंकि बनी रोटी छोडकरदाल, सब्जी, सलाद और एक गिलास छाछका भोजन करते हुए घूंट घूंट करके पीते हुए पेट भरना चाहिए ! इसमें मात्रा ज्यादा भी हो जाए तो चिंता कि कोई बात नहीं ! इस प्रकार 6-7 दिन तक खाते रहें !इसके बाद गेहूंकि बनी रोटी किजगह चना और जौ के बने आटे कि रोटी खाना शुरू करें !

5 किलो देशी चना और एक किलो जौ को मिलकर साफ़ करके पिसवा लें !6-7 दिन तक इस आटे से बनी रोटी आधी मात्रा में औरआधी मात्रा मेंदाल,सब्जी,सलाद और छाछ लेना शुरू करें ! एकमहीने बाद गेहूंकि रोटी खाना शुरूकर सकते हैं लेकिनशुरुआत एक रोटी सेकरते हुए धीरे धीरेबढाते जाएँ ! भादों केमहीने में छाछका प्रयोगनहीं किया जाता हैइसलिए इस महीनें मेंछाछ का प्रयोगनां करें !!

5. एरण्ड की जड़का काढ़ा बनाकरउसको छानकर एक एक चम्मच की मात्रा में शहद के साथ दिन में तीन बार नियमितसेवन करने सेमोटापा दूरहोता है !!

6. चित्रक कि जड़का चूर्ण एक ग्रामकी मात्रा में शहद केसाथ सुबह शामनियमित रूप से सेवन करने और खानपान का परहेज करनें से भी मोटापा दूर किया जा सकता है !!

एसिडिटी के आयुर्वेदिक उपचार

एसिडिटी के आयुर्वेदिक उपचारहम जो खाना खाते हैं, उसका सही तरह से पचना बहुत ज़रूरी होता है। पाचन की प्रक्रिया में हमारा पेट एक ऐसे एसिड को स्रावित करता है जो पाचन के लिए बहुत ही ज़रूरी होता है। पर कई बार यह एसिड आवश्यकता से अधिक मात्रा में निर्मित होता है, जिसके परिणामस्वरूप सीने में जलन और फैरिंक्स और पेट के बीच के पथ में पीड़ा और परेशानी का एहसास होता है। इस हालत को एसिडिटी या एसिड पेप्टिक रोग के नाम से जाना जाता है ।
एसिडिटी होने के कारण
एसिडिटी के आम कारण होते हैं, खान पान में अनियमितता, खाने को ठीक तरह से नहीं चबाना, और पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना इत्यादि। मसालेदार और जंक फ़ूड आहार का सेवनकरना भी एसिडिटी के अन्य कारण होते हैं। इसके अलावा हड़बड़ी में खाना और तनावग्रस्त होकर खाना और धूम्रपान और मदिरापान भी एसिडिटी के कारण होते हैं। भारी खाने के सेवन करने से भी एसिडिटी की परेशानी बढ़ जाती है। और सुबह सुबह अल्पाहार न करना और लंबे समय तक भूखे रहने से भी एसिडिटी आपको परेशान कर सकती है। 
एसिडिटी के लक्षण
*.पेट में जलन का एहसास
*.सीने में जलन
*.मतली का एहसास
*.डीसपेपसिया
*.डकार आना
*.खाने पीने में कम दिलचस्पी
*.पेट में जलन का एहसास
एसिडिटी के आयुर्वेदिक उपचार
*.अदरक का रस:नींबू और शहद में अदरक का रसमिलाकर पीने से, पेट की जलन शांत होती है।
*.अश्वगंधा:भूख की समस्या और पेट की जलन संबधित रोगों के उपचार में अश्वगंधा सहायक सिद्ध होती है।
*.बबूना:यह तनाव से संबधित पेट की जलन को कम करता है।
*.चन्दन:एसिडिटी के उपचार के लिए चन्दन द्वारा चिकित्सा युगों से चली आ रही चिकित्सा प्रणाली है। चन्दन गैस से संबधित परेशानियों को ठंडक प्रदान करता है। 
*.चिरायता:चिरायता के प्रयोग से पेट की जलन और दस्त जैसी पेट की गड़बड़ियों को ठीक करने में सहायता मिलती है।
*.इलायची:सीने की जलन को ठीक करने के लिए इलायची का प्रयोग सहायक सिद्ध होता है।
*.हरड: यह पेट की एसिडिटी और सीने की जलन को ठीक करता है ।
*.लहसुन:पेट की सभी बीमारियों के उपचार के लिए लहसून रामबाण का काम करता है।
*.मेथी:मेथी के पत्ते पेट की जलन दिस्पेप्सिया के उपचार में सहायक सिद्ध होते हैं।
*.सौंफ:सौंफ भी पेट की जलन को ठीक करने में सहायक सिद्ध होती है। यह एक तरह की सौम्य रेचक होती है और शिशुओं और बच्चों की पाचन और एसिडिटी से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए भी मदद करती है।
एसिडिटी के घरेलू उपचार:
*.विटामिन बी और ई युक्त सब्जियों का अधिक सेवन करें।
*.व्यायाम और शारीरिक गतिविधियाँ करते रहें।
*.खाना खाने के बाद किसी भी तरह के पेय का सेवन ना करें।
*.बादाम का सेवन आपके सीने की जलन कम करनेमें मदद करता है।
*.खीरा, ककड़ी और तरबूज का अधिक सेवन करें।
*.पानी में नींबू मिलाकर पियें, इससे भी सीने की जलन कम होती है।
*.नियमित रूप से पुदीने के रस का सेवन करें ।
*.तुलसी के पत्ते एसिडिटी और मतली से काफी हद तक राहत दिलाते हैं।
*.नारियल पानी का सेवन अधिक करें

वजन घटाने स्वास्थ्य सुझाव


वजन घटाने स्वास्थ्य सुझाव
 आटा भिगोते ही तुरंत इस्तेमाल
करना चाहिए वरना उसमे ऐसे रासायनिक
बदलाव आते है जो सेहत के लिए बहुत
हानिकारक हो सकते है . ऐसा आयुर्वेद में
स्पष्ट कहा गया है . इसलिए फ्रिज
का इस्तेमाल आटा रखने के लिए ना करे . कुछ
ही दिन में ऐसी आदत बन
जायेगी की जितनी रोटियाँ लगती है
उतना ही आटा भिगोया जाए और इसमें
ज़्यादा समय भी नहीं लगता . ताज़े आते
की रोटियाँ ज़्यादा स्वादिष्ट और
पौष्टिक होती है .

गेहूं के जवारे : पृथ्वी की संजीवनी बूटी

गेहूं के जवारे : पृथ्वी की संजीवनी बूटी

प्रकृति ने हमें अनेक अनमोल नियामतें दी हैं। गेहूं के जवारे उनमें से ही प्रकृति की एक अनमोल देन है। अनेक आहार शास्त्रियों ने इसे संजीवनी बूटी भी कहा है, क्योंकि ऐसा कोई रोग नहीं, जिसमें इसका सेवन लाभ नहीं देता हो। यदि किसी रोग से रोगी निराश है तो वह इसका सेवन कर श्रेष्ठ स्वास्थ्य पा सकता है।

गेहूं के जवारों में अनेक अनमोल पोषक तत्व व रोग निवारक गुण पाए जाते हैं, जिससे इसे आहार नहीं वरन्‌ अमृत का दर्जा भी दिया जा सकता है। जवारों में सबसे प्रमुख तत्व क्लोरोफिल पाया जाता है। प्रसिद्ध आहार शास्त्री डॉ. बशर के अनुसार क्लोरोफिल (गेहूंके जवारों में पाया जाने वाला प्रमुख तत्व) को केंद्रित सूर्य शक्ति कहा है।

गेहूं के जवारे रक्त व रक्त संचार संबंधी रोगों, रक्त की कमी, उच्च रक्तचाप, सर्दी, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, स्थायी सर्दी, साइनस, पाचन संबंधी रोग, पेट में छाले, कैंसर, आंतों की सूजन, दांत संबंधी समस्याओं, दांत का हिलना, मसूड़ों से खून आना, चर्म रोग, एक्जिमा, किडनी संबंधी रोग, सेक्स संबंधी रोग, शीघ्रपतन, कान के रोग, थायराइड ग्रंथि के रोग व अनेक ऐसे रोग जिनसे रोगी निराश हो गया, उनके लिए गेहूं के जवारे अनमोल औषधि हैं। इसलिए कोई भी रोग हो तो वर्तमान में चल रही चिकित्सा पद्धति के साथ-साथ इसका प्रयोग कर आशातीत लाभ प्राप्त किया जा सकता है

तोंद कम करने के 17 सरल उपाय

तोंद कम करने के 17 सरल उपाय
पेट के निचले भाग की चर्बी को ऐसे कम कर सकते हैं :
अनियमित और मसालेदार भोजन के अलावा आरामपूर्ण जीवनशैली के चलते तोंद / पेट के निचले भाग की चर्बी एक वैश्विक समस्या बन गई है जिसके चलते डायबिटीज और हार्टअटैक का खतरा बढ़ जाता है। तोंद कई अन्य रोगों को भी जन्म देती है। इसके चलते व्यक्ति हमेशा शरीर में अच्छा फिल नहीं कर पाता।
कमर और पेट के आसपास इकट्ठा हुई अतिरिक्त चर्बी से किडनी और मूत्राशय में भी दिक्कतें होना शुरू हो जाती हैं। रीढ़ की हड्डी पर भी अतिरिक्त दबाव पड़ता है और जिसके चलते आए दिन कमर दर्द और साइड दर्द होता रहता है। अगर आप तोंद से छुटकारा पाकर फिर से उसे पेट बनाने की सोच रहे हैं तो यहां दिए जा रहे हैं 17 ऐसे उपाय जिसे करने में आपको अतिरिक्त श्रम नहीं करना पड़ेगा। जरूरी नहीं कि सभी 17 उपाय आप आजमाएं। किसी भी एक उपाय को नियमित करें तो 1 माह में लाभ नजर आने लगेगा।

Saturday 22 August 2015

कमर में दर्द

 कमर में दर्द
कमर में दर्द ,घोर पीड़ा, टनटनाहट, उठने-बैठनेमें कष्ट, सुबह उठने परकमर दर्द ज्यादा होना, झुकने पर कमरदर्द का होना इत्यादि प्रमुख लक्षण है।
1.आप कुर्सी पर या जमीन परजब भी बैठे, सीधे सतर्क ही बैठें। सोने के लिए सख्त बिस्तर ही काम में लें।
2.एक चम्मच नींबू का रस,एक चम्मच लहसुन रस, दो चम्मच पानी सब मिलाकर दिन में दो बार पिये। कमर दर्द ठीक होगा।
3 सरसों का तेल सौ ग्राम देशी कपूर बीस ग्राम दोनों मिलाकर शीशी में भर दें कपूर गलने पर उस तेल की मालिश करें।
4. अदरक के रस में घी मिलाकर पिये कमर दर्द ठीकहोगा।
5.तीन-चार वर्ष पुराना मिर्च का आचार का तेल एक चम्मच कोई दूसरा तेल दस चम्मच मिलाकर किसीभी दर्द वाले स्थान पर मालिश करें।
6. मिट्टी के तेल से कमर पर रात को मालिश करें।दर्द ठीक होगा।
7.रात में 60 ग्राम गेहूं के दाने पानी में भिगो दें। सुबह गेहूं के भीगे हुए इन दानों के साथ 30 ग्राम खसखस तथा 30 ग्राम धनिये की मींगी मिलाकर बारीक पीस लें। इस चटनी को दूध में पका लें और खीर बना लें। इस आवश्यकतानुसार 10 -15 दिन तक खाने से कमर दर्ददूर होकर ताकत बढ़ती है। इससे पाचन शक्ति की कमजोरी भी मिटती है।
8.अजवायन को किसी साफ वस्त्र में लेकर उसकी पोटली बनाकर तवे पर गर्म करें तथा कमर पर उसका सेंक दें।
9.एक किलो सरसों के तेल में 250 ग्राम लहसुन की कली डालकर आग पर तब तक गर्म करें, जब तक कि लहसुन जल न जाए। इस तेल को छानकर शीशी में भर लें और दिन में दो बार मालिश करें।

Friday 21 August 2015

शुगर का इलाज़

शुगर का इलाज़
1. लहसुन छिला हुआ २५ ग्राम
2. अदरक ५० ग्राम
3. पुदीना ५० ग्राम
4. अनारदाना खट्टा ५० ग्राम
 इन चारो चीज़ो को पीसकर चटनी बना ले और सुबह,दोपहर,श्याम,एकएक चम्मच खा ले /
 पुरानी से पुरानी शुगर ठीक हो जाएगी यहाँ तक जिस मरीज़ को शुगर की वजह से जिस्म भी काटने को कहा हो उसके लिए भी यह चटनी फायेदमंद है

बेहद सरल नुस्खे मोटापा कम करने के लिए

 बेहद सरल नुस्खे मोटापा कम करने के लिए
आयुर्वेद में इंसानी शरीर व मन से जुड़ी अधिकांस बीमारियों का प्रामाणिक व शर्तिया उपाया बताया जाता है। आइये देखते हैं ऐसे ही कुछ आयुर्वेदिक और घरेलू नुस्खे जो आपके पाचन तंत्र को सदा दुरुस्त रखने में बेहद मददगार होते हैं..
1. भोजन के एक घंटा पहले पंचसकार चूर्ण को एक चम्मच गरम पानी के साथ लेने से भूख खुलकर लगती है।
2. रात में सोते समय आँवला 3 भाग, हरड़ 2 भाग तथा बहेड़ा 1 भाग-को बारीक चूर्ण करके एक चम्मच गुनगुने पानी के लेने
से सुबह दस्त साफ आता है एवं भूख खुलकर लगती है।
3. भोजन में पतले एवं हलके व्यंजनों का प्रयोग करने से खाया हुआ जल्दी पच जाता है, जिससे जल्दी ही भूख लग जाती है।
4. खाना खाने के बाद अजवायन का चूर्ण थोड़े से गुड़ के साथ खाकर गुनगुना पानी पीने से खाया हुआ पचेगा, भूख लगेगी और खाने में रुचि पैदा होगी।
5. भोजन के बाद हिंग्वष्टक चूर्ण एक चम्मच खाने से पाचन-क्रिया ठीक होगी।
6. हरे धनिए में हरी मिर्च, टमाटर, अदरक, हरा पुदीना, जीरा, हींग, नमक, काला नमक डालकर सिलबट्टे पर पीसकर बनाई चटनी खाने से भोजन की इच्छा फि र से उत्पन्न होती है।
7. भोजन करने के बाद थोड़ा सा अनारदाना या उसके बीज के चूर्ण में काला नमक एवं थोड़ी सी मिश्री पीसकर मिलाने के बाद पानी के साथ एक चम्मच खाने से भूख बढ़ती है।
8. एक गिलास छाछ में काला नमक, सादा नमक, पिसा जीरा मिलाकर पीने से पाचन-क्रिया तेज होकर आरोचकता दूर होती है।
9. भोजन के बाद 5-10 मिनिट घूमना पाचन में सहायक होता है।
10. भोजन करने के बाद वज्रासन में कुछ देर बैठना भी बेहद लाभदायक होता है।

मधुमेह का सरल और अचूक उपचार

मधुमेह (SUGER) का सरल और अचूक उपचार
25 ग्राम लहसुन
25 ग्राम अदरक
50 ग्राम हरा पौदीना
50 ग्राम अनारदाना
इन सबको मिलाकार चटनी बना ले और रोज खाने से पहले एक चमच्च ले,15 दिन में आपको फर्क पता चल जाएगा ।
यह प्रयोग अब तक सफल रहा है और हानिरहित हैं ।

वजन घटाने में दूध के साथ हल्दी फायदेमंद


वजन घटाने में फायदेमंद गर्म दूध के साथ हल्दी के सेवन से शरीर में जमा चर्बी घटती है. इसमें मौजूद कैल्शियम और मिनिरल्स सेहतमंद तरीके से वजन घटाने में सहायक हैं।-
अच्छी नींद के लिए हल्दी में अमीनो एसिड है इसलिए दूध के साथ इसके सेवन के बाद नींद गहरी आती है.अनिद्रा की दिक्कत हो तो सोने से आधे घंटे पहले गर्म दूध के साथ हल्दी का सेवन करें.-
दर्द से आराम हल्दी वाले दूध के सेवन से गठिया से लेकर कान दर्द जैसी कई समस्याओं में आराम मिलता है. इससे शरीर का रक्त संचार बढ़ जाता है जिससे दर्द में तेजी से आराम होता है.-
खून और लिवर की सफाई आयुर्वेद में हल्दी वाले दूध का इस्तेमाल शोधन क्रिया में किया जाता है। यह खून से टॉक्सिन्स दूर करता है और लिवर को साफ करता है. पेट से जुड़ी समस्याओं में आराम के लिए इसका सेवन फायदेमंद है.-
पीरियड्स में आराम हल्दी वाले दूध के सेवन से पीरियड्स में पड़ने वाले क्रैंप्स से बचाव होता है और यह मांसपेशियों के दर्द से छुटकारा दिलाता है.-
मजबूत हड्डियां दूध में कैल्शियम अच्छी मात्रा में होता है और हल्दी में एंटीऑक्सीडेट्स भरपूरहोते ह

शरीर में खुन दौड़ने लगेगा

शरीर में खुन दौड़ने लगेगा
250 ग्राम मैथीदाना
100 ग्राम अजवाईन
50 ग्राम काली जीरी

उपरोक्त तीनो चीजों को साफ-सुथरा करके हल्का-हल्का सेंकना(ज्यादा सेंकना नहीं) तीनों को अच्छी तरह मिक्स करके मिक्सर में पावडर बनाकर डिब्बा-शीशी या बरनी में भर लेवें ।
रात्रि को सोते समय चम्मच पावडर एक गिलास पूरा कुन-कुना पानी के साथ लेना है।
गरम पानी के साथ ही लेना अत्यंत आवश्यक है लेने के बाद कुछ भी खाना पीना नहीं है।
यह चूर्ण सभी उम्र के व्यक्ति ले सकतें है।
चूर्ण रोज-रोज लेने से शरीर के कोने-कोने में जमा पडी गंदगी(कचरा) मल और पेशाब द्वारा बाहर निकल जाएगी ।
पूरा फायदा तो 80-90 दिन में महसूस करेगें, जब फालतू चरबी गल जाएगी, नया शुद्ध खून का संचार होगा । चमड़ी की झुर्रियाॅ अपने आप दूर हो जाएगी। शरीर तेजस्वी, स्फूर्तिवाला व सुंदर बन जायेगा ।
‘‘फायदे’’
1. गठिया दूर होगा और गठिया जैसा जिद्दी रोग दूर हो जायेगा ।
2. हड्डियाँ मजबूत होगी ।
3. आॅख का तेज बढ़ेगा ।
4. बालों का विकास होगा।
5. पुरानी कब्जियत से हमेशा के लिए मुक्ति।
6. शरीर में खुन दौड़ने लगेगा ।
7. कफ से मुक्ति ।
8. हृदय की कार्य क्षमता बढ़ेगी ।
9. थकान नहीं रहेगी, घोड़े की तहर दौड़ते जाएगें।
10. स्मरण शक्ति बढ़ेगी ।
11. स्त्री का शारीर शादी के बाद बेडोल की जगह सुंदर बनेगा ।
12. कान का बहरापन दूर होगा ।
13. भूतकाल में जो एलाॅपेथी दवा का साईड इफेक्ट से मुक्त होगें।
14. खून में सफाई और शुद्धता बढ़ेगी ।
15. शरीर की सभी खून की नलिकाएॅ शुद्ध हो जाएगी ।
16. दांत मजबूत बनेगा, इनेमल जींवत रहेगा ।
17. नपुसंकता दूर होगी।
18. डायबिटिज काबू में रहेगी, डायबिटीज की जो दवा लेते है वह चालू रखना है। इस चूर्ण का असर दो माह लेने के बाद से दिखने लगेगा ।
जीवन निरोग,आनंददायक, चिंता रहित स्फूर्ति दायक और आयुष्ययवर्धक बनेगा ।
जीवन जीने योग्य बनेगा

मोटापा घटाए

मोटापा घटाए
पेट की मालिश करने से चयापचय दर बढ़ती है और पाचन को बढ़ावा मिलता है। यह उन लोगों के लिये अच्‍छी हो सकती है जो लोग वेट कम करने की बहुत महनत करते हैं और उन्‍हें किसी भी चीज का कोई फायदा नहीं मिलता।
2) पेट फूलने की समस्‍या
खाना ठीक से हजम न होने की वजह से पेट फूलना और उसमें गैस बनने की समस्‍या होती है। लेकिन पेट की मालिश करने से पेट की गैस आराम से निकल जाती है और अपच भी नहीं होता।
3) कब्‍ज से छुटकारा
कब्‍ज और पेट के दर्द से छुटकारा मिलता है। पेट की मालिश रोजाना करें।
4) पेट दर्द से छुटकारा
पेट में अगर दर्द होता हो तो, मालिश करने से उस जगह का ब्‍लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है। इससे पेट की मासपेशियों को गर्माहट मिलती है, जिससे आपको आराम मिलेगा।
5) गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल की सेहत में सुधार
नियमित रूप से पेट की मालिश करने पर आपको कभी भी पेट का कोई रोग नहीं होगा। पेट फूलना, पेट में दर्द, गैस आदि सब ठीक हो जाएगी और पेट की मासपेशियां पूरी तरह से टोन्‍ड हो जाएंगी। साथ ही अपच की समस्‍या भी दूर होगी।
6) तनाव और चिंता से छुटकारा
मालिश से तनाव कम होता है और दिमाग पूरी तरह से शांत और रिलैक्‍स हो जाता है। इससे दिमागी सुकून मिलता है
7) होती है पतली कमर
पेट पर मसाज करने से वहां की मासपेशियां टोन्‍ड हो जाती हैं। आपकी लटकती हुई कमर कुछ ही दिनों में शेप में आ जाती है। इसके साथ टम्‍मी टाइट बन जाती है।
8) पीरियड्स क्रैंप मालिश करते वक्‍त
लौंग, लेवेंडर या दालचीनी का तेल प्रयोग करने से पेडु के दर्द में लाभ मिलेगा।
9) कब नहीं करनी चाहिये पेट की मालिश
अगर आप प्रेगनेंट हैं, किडनी स्‍टोन, गॉलस्‍टोन, पेट में अल्‍सर, प्रजनन अंगों में सूजन या फिर आंतरिक रक्तस्राव हो रहा हो तो मालिश न करें।

वजन घटाने में कारगर है ~ ये नुस्खे कर देंगे दुबला - पतला ..

हफ्ते भर बाद ही दिखने लगेंगे पतले - दुबले ... !
न डाइटिंग की जरूरत पड़ेगी - न जिम की ~ ये नुस्खे कर देंगे दुबला - पतला .. !
आप आश्चर्यचकित रह जायेंगे ~ इन नुस्खों को आजमाने के बाद ..... !
* करौंदे का जूस :-
यह वजन घटाने में कारगर है - एक अच्छा एंटीऑक्सीडेंट होने से मेटाबॉलिज्म को ठीक रखता है ~ इससे फैट भी कम होता है !
* ग्रीन टी :-
वजन कम करने के लिए यह अच्छा विकल्प है - एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर ग्रीन टी फैट कम करती है !
ग्रीन टी में विशेष प्रकार के पोलीफेनॉल्स पाए जाते हैं जिससे फैट बर्न होता है !
* खाना खाने के बाद गर्म पानी :-
खाना खाने के बाद गर्म पानी पीएं - पानी खूब पीएं - इसके अलावा सुबह खाली पेट गर्म पानी पीएं !
इसमें शहद डाल लेंगे ~ तो निश्चित रूप से वजन कम होगा !
* सेब का सिरका :-
वजन कम करता है - सिरका से रक्त शर्करा कंट्रोल होती है - यह वजन कम करने में सहायक है !
क्योंकि इन्सुलिन मुक्त शर्करा को वसा के रूप में संचित नहीं कर पाती है !
सेब का सिरका पानी में मिलाकर पीएं !
* पत्ता गोभी :-
खूब खाइए - यह सब्जी वजन कम करने में सहायक है !
एक कप पकी हुई बंदगोभी में 33 कैलोरी होती है जो वजन नहीं बढऩे देती !
बंदगोभी का सूप फैट की मात्रा का घटा देता है ~ लेकिन एनर्जी पूरी देता है !
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Thursday 20 August 2015

मोटापा दूर करने के घरेलु नुस्खे


 मोटापा दूर करने के       
घरेलु नुस्खे
 खड़े खड़े पानी पीने वाले का घुटना दुनिया का कोई डॉक्टर ठीक नहीँ कर सकता।
* तेज पंखे के नीचे या A. C. में सोने से मोटापा बढ़ता है।
* 70% दर्द में एक ग्लास गर्म पानी किसी भी पेन किलर से भी तेज काम करता है
* कुकर में दाल गलती है, पकती नहीँ। इसीलिए गैस और एसिडिटी करती है।
* अल्युमिनम के बर्तनों के प्रयोग से अंग्रेजों नें देशभक्त भारतीय क़ैदियों को रोगी बनाया था।
* शर्बत और नारियल पानी सुबह ग्यारह के पहले अमृत है।
* लकवा होते ही मरीज के नाक में देशी गाय का घी डालने से लकवा पन्द्रह मिनट मेँ ठीक हो जाता है।
* देशी गाय के शरीर पर हाथ फेरने से 10 दिन में ब्लड प्रेसर नॉर्मल हो जाता है।
* देशी गाय का दूध रोग नाशक और विदेशी गाय का दूध रोग कारक है।

गुड़ खाने से 18 फायदे :
1>गुड़ खाने से नहीं होती गैस की दिक्कत
2>खाना खाने के बाद अक्सर मीठा खाने का मन करता हैं। इसके लिए सबसे बेहतर है कि आप गुड़ खाएं। गुड़ का सेवन करने से आप हेल्दी रह सकते हैं
3> पाचन क्रिया को सही रखना
4> गुड़ शरीर का रक्त साफ करता है और मेटाबॉल्जिम ठीक करता है। रोज एक गिलास पानी या दूध के साथ गुड़ का सेवन पेट को ठंडक देता है। इससे गैस की दिक्कत नहीं होती। जिन लोगों को गैस की परेशानी है, वो रोज़ लंच या डिनर के बाद थोड़ा गुड़ ज़रूर खाएं
5> गुड़ आयरन का मुख्य स्रोत है। इसलिए यह एनीमिया के मरीज़ों के लिए बहुत फायदेमंद है। खासतौर पर महिलाओं के लिए इसका सेवन बहुत अधिक ज़रूर है
6> त्वचा के लिए -- गुड़ ब्लड से खराब टॉक्सिन दूर करता है, जिससे त्वचा दमकती है और मुहांसे की समस्या नहीं होती है।
7> गुड़ की तासीर गर्म है, इसलिए इसका सेवन जुकाम और कफ से आराम दिलाता है। जुकाम के दौरान अगर आप कच्चा गुड़ नहीं खाना चाहते हैं तो चाय या लड्डू में भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
8> एनर्जी के लिए -- बुहत ज़्यादा थकान और कमजोरी महसूस करने पर गुड़ का सेवन करने से आपका एनर्जी लेवल बढ़ जाता है। गुड़ जल्दी पच जाता है, इससे शुगर का स्तर भी नहीं बढ़ता। दिनभर काम करने के बाद जब भी आपको थकान हो, तुरंत गुड़ खाएं।
9> गुड़ शरीर के टेंपरेचर को नियंत्रित रखता है। इसमें एंटी एलर्जिक तत्व हैं, इसलिए दमा के मरीज़ों के लिए इसका सेवन काफी फायदेमंद होता है।
10> जोड़ों के दर्द में आराम -- रोज़ गुड़ के एक टुकड़े के साथ अदरक का सेवन करें, इससे जोड़ों के दर्द की दिक्कत नहीं होगी।
11> गुड़ के साथ पके चावल खाने से बैठा हुआ गला व आवाज खुल जाती है।
12> गुड़ और काले तिल के लड्डू खाने से सर्दी में अस्थमा की परेशानी नहीं होती है।
13> जुकाम जम गया हो, तो गुड़ पिघलाकर उसकी पपड़ी बनाकर खिलाएं।
14> गुड़ और घी मिलाकर खाने से कान का दर्द ठीक हो जाता है।
15> भोजन के बाद गुड़ खा लेने से पेट में गैस नहीं बनती ।
16> पांच ग्राम सौंठ दस ग्राम गुड़ के साथ लेने से पीलिया रोग में लाभ होता है।
17> गुड़ का हलवा खाने से स्मरण शक्ति बढती है।
18> पांच ग्राम गुड़ को इतने ही सरसों के तेल में मिलाकर खाने से श्वास रोग से छुटकारा मिलता है।

Sunday 16 August 2015

गेहूँ के ज्वारे-

गेहूँ के ज्वारे-
गेहूँ के ज्वारेः एक अनुपम औषधि | रामबाण इलाज | सस्ता और सर्वोत्तम
अमेरिका में जीवन और मरण के बीच जूझते रोगियों को प्रतिदिन चार बड़े गिलास भरकर ज्वारों का रस दिया जाता है। जीवन की आशा ही जिन रोगियों ने छोड़ दी उन रोगियों को भी तीन दिन या उससे भी कम समय में चमत्कारिक लाभ होता देखा गया है। ज्वारे के रस से रोगी को जब इतना लाभ होता है, तब नीरोग व्यक्ति ले तो कितना अधिक लाभ होगा?

हरड़ : एक लाभकारी औषधि

हरड़ : एक लाभकारी औषधि

       हरड़ का काढ़ा त्वचा संबंधी एलर्जी में लाभकारी है। हरड़ के फल को पानी में उबालकर काढ़ा बनाएं और इसका सेवन दिन में दो बार नियमित रूप से करने पर जल्द आराम मिलता है। एलर्जी से प्रभावित भाग की धुलाई भी इस काढ़े से की जा सकती है। इसी तरह, फंगल एलर्जी या संक्रमण होने पर हरड़ के फल और हल्दी से तैयार लेप प्रभावित भाग पर दिन में दो बार लगाएं, त्वचा के पूरी तरह सामान्य होने तक इस लेप का इस्तेमाल जारी रखें। मुंह में सूजन होने पर हरड़ के गरारे करने से फायदा मिलता है।

हरड़ का लेप पतले छाछ के साथ मिलाकर गरारे करने से मसूढ़ों की सूजन में भी आराम मिलता है। इसी तरह, हरड़ का चूर्ण दुखते दांत पर लगाने से भी तकलीफ कम होती है। हरड़ स्वास्थ्यवर्धक टॉनिक होता है जिसके प्रयोग से बाल काले, चमकीले और आकर्षक दिखते हैं। हरड़ के फल को नारियल तेल में उबालकर (हरड़ पूरी तरह घुलने तक) लेप बनाएँ और इसे बालों में लगाएं या फिर प्रतिदिन 3-5 ग्राम हरड़ पावडर एक गिलास पानी के साथ सेवन करें। हरड़ का गूदा कब्ज से राहत दिलाने में भी गुणकारी होता है। इस गूदे को चुटकीभर नमक के साथ खाएं या फिर 1/2 ग्राम लौंग अथवा दालचीनी के साथ इसका सेवन करें।

सेहत के लिए गुणकारी मीठे अमरूद

सेहत के लिए गुणकारी मीठे अमरूद
कच्चे अमरूद को पत्थर पर घिसकर उसका एक सप्ताह तक लेप करने से आधाशीशी (आधे सिर का दर्द) का दर्द समाप्त हो जाता है। यह प्रयोग प्रातःकाल करना चाहिए। अमरूद के ताजे पत्तों का रस 10 ग्राम तथा पिसी मिश्री 10 ग्राम मिलाकर 21 दिन प्रातः खाली पेट सेवन करने से भूख खुलकर लगती है और शरीर सौंदर्य में भी वृद्धि होती है। अमरूद खाने या अमरूद के पत्तों का रस पिलाने से भांग का नशा कम हो जाता है। ताजे अमरूद के 100 ग्राम बीजरहित टुकड़े लेकर उसे ठंडे पानी में 4 घंटे भीगने दीजिए। इसके बाद अमरूद के टुकड़े निकालकर फेंक दें। इस पानी को मधुमेह के रोगी को पिलाने से लाभ होता है। अमरूद के ताजा पत्ते में एक छोटा-सा टुकड़ा कत्था लपेटकर पान की तरह चबाने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं। पके हुए अमरूद का 50 ग्राम गूदा, 10 ग्राम शहद के साथ खाने से शरीर में शक्ति व स्फूर्ति बढ़ती है। सुबह-शाम एक अमरूद भोजन के पश्चात खाने से पाचन तंत्र मजबूत होता है। साथ ही चिड़चिड़ापन एवं मानसिक तनाव दूर होता है।

देसी घरेलु रोज़ मर्रा के नुस्खे

 देसी घरेलु रोज़ मर्रा के नुस्खे
छोटी-मोटी समस्याएं हम सभी को हो सकती है। कुछ समस्याएं ऐसी होती है जिनके लिए डॉक्टर के पास भी नहीं जाया जा सकता है। ऐसी ही कुछ समस्याओं के लिए हम आपको बताने जा रहे है कुछ घरेलु नुस्खे:
- गैस की तकलीफ से तुरंत राहत पाने के लिए लहसुन की 2 कली छीलकर 2 चम्मच शुद्ध घी के साथ चबाकर खाएं फौरन आराम होगा।
- ताजा हरा धनिया मसलकर सूंघने से छींके आना बंद हो जाती हैं।
- प्याज का रस लगाने से मस्सो के छोटे-छोटे टुकड़े होकर जड़ से गिर जाते हैं।
- यदि नींद न आने की शिकायत है, तो रात्रि में सोते समय तलवों पर सरसों का तेल लगाएं।
- प्याज के रस में नींबू का रस मिलाकर पीने से उल्टियां आना तत्काल बंद हो जाती हैं।
- सूखे तेजपान के पत्तों को बारीक पीसकर हर तीसरे दिन एक बार मंजन करने से दांत चमकने लगते हैं।
- हिचकी चलती हो तो 1-2 चम्मच ताजा शुद्ध घी, गरम कर सेवन करें।
- यदि आवाज बैठी हुई है या गले में खराश है, तो सुबह उठते समय और रात को सोते समय छोटी इलायची चबा-चबाकर खाएं तथा गुनगुना पानी पीएं।

Saturday 15 August 2015

सेहत और स्वाद एक साथ

सेहत और स्वाद एक साथ
अंजीर एक मधुर फल है जो विभिन्न रूपों में निम्न प्रकार से लाभकारी है - सूखे अंजीर को उबालकर अच्छी तरह पीसकर यदि गले की सूजन या गाँठ पर बाँधा जाए तो शीघ्र ही लाभ होता है। साधारण कब्ज की अवस्था में गरम दूध में सूखे अंजीर उबालकर सेवन करने से प्रातःकाल दस्त साफ आता है। ताजे अंजीर खाकर ऊपर से दूध पीना अत्यंत शक्तिवर्धक एवं वीर्यवर्धक होता है। खून की खराबी में सूखे अंजीर को दूध एवं मिश्री के साथ लगातार एक सप्ताह सेवन करने से खून के विकार नष्ट हो जाते हैं।

मधुमेह रोग में अन्य फलों की तुलना में अंजीर का सेवन विशेष लाभकारी होता है। किसी प्रकार का बाह्य पदार्थ यदि पेट में चला जाए तो उसे निकालने के लिए अंजीर को अधिक मात्रा में सेवन करना उपयोगी होता है। दमे (अस्थमा) की बीमारी में प्रातःकाल सूखे अंजीर का सेवन पथ्यकारी है। क्षय रोग (टी.बी.) में कफ की उत्पत्ति रोकने के लिए ताजे अंजीर खाना फायदेमंद है। श्वेत प्रदर में भी इसका उपयोग गुणकारी है। किसी भी प्रकार के बुखार में खासकर पेट की खराबी से होने वाले बुखार में अंजीर का सेवन हितकर होता है।

नींबू के 30 आयुर्वेदिक नुस्खेँ

नींबू के 30 आयुर्वेदिक नुस्खेँ
 1-शुद्ध शहद में नींबू की शिकंजी पीने से मोटापा दूर होता है।

2-नींबू के सेवन से सूखा रोग दूर होता है।

3-नींबू का रस एवं शहद एक-एक तोला लेने से दमा में आराम मिलता है।

4-नींबू का छिलका पीसकर उसका लेप माथे पर लगाने से माइग्रेन ठीक होता है।

5- नींबू में पिसी काली मिर्च छिड़क कर जरा सा गर्म करके चूसने से मलेरिया ज्वर में आराम मिलता है।

6-नींबू के रस में नमक मिलाकर नहाने से त्वचा का रंग निखरता है और सौंदर्य बढ़ता है।

7- नौसादर को नींबू के रस में पीसकर लगाने से दाद ठीक होता है।

8- नींबू के बीज को पीसकर लगाने से गंजापन दूर होता है।

9-बहरापन हो तो नींबू के रस में दालचीनी का तेल मिलाकर डालें।

10-आधा कप गाजर के रस में नींबू निचोड़कर पिएं, रक्त की कमी दूर होगी।

11- दो चम्मच बादाम के तेल में नींबू की दो बूंद मिलाएं और रूई की सहायता से दिन में कई बार घाव पर लगाएं, घाव बहुत जल्द ठीक हो जाएगा।

12- प्रतिदिन नाश्ते से पहले एक चम्मच नींबू का रस और एक चम्मच ज़ैतून का तेल पीने से पत्थरी से छुटकारा मिलता है।

13- किसी जानवर के काटे या डसे हुए भाग पर रूई से नींबू का रस लगांए, लाभ होगा।

14- एक गिलास गर्म पानी में नींबू डाल कर पीने से पांचन क्रिया ठीक रहती है।

15- चक्तचाप, खांसी, क़ब्ज़ और पीड़ा में भी नींबू चमत्कारिक प्रभाव दिखाता है।

16- विशेषज्ञों का कहना है कि नींबू का रस विटामिन सी, विटामिन, बी, कैल्शियम, फ़ास्फ़ोरस, मैग्नीशियम, प्रोटीन और कार्बोहाईड्रेट से समृद्ध होता है।

17- विशेषज्ञों का कहना है कि यदि मसूढ़ों से ख़ून रिसता हो तो प्रभावित जगह पर नींबू का रस लगाने से मसूढ़े स्वस्थ हो जाते हैं।

18- नींबू का रस पानी में मिलाकर ग़रारा करने से गला खुल जाता है।

19- नींबू के रस को पानी में मिलाकर पीने से त्वचा रोगों से भी बचाव होता है अतः त्वचा चमकती रहती है, कील मुंहासे भी इससे दूर होते हैं और झुर्रियों की भी रोकथाम करता है।

20- नींबू का रस रक्तचाप को संतुलित रखता है।

21-अगर बॉडी में विटामिन सी की मात्रा कम हो जाए, तो एनिमिया, जोड़ों का दर्द, दांतों की बीमारी, पायरिया, खांसी और दमा जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। नीबू में विटामिन सी की क्वॉन्टिटी बहुत ज्यादा होती है। इसलिए इन बीमारियों से दूरी बनाने में यह आपकी मदद करता है।

22- पेट खराब, पेट फूलना, कब्ज, दस्त होने पर नीबू के रस में थोड़ी सी अजवायन, जीरा, हींग, काली मिर्च और नमक मिलाकर पीने से आपको काफी राहत मिलेगी।

23- गर्मी में बुखार होने पर अगर थकान महसूस हो रही हो या पीठ और बांहों में दर्द हो, तो भी आपके पास नींबू का उपाय है। आप एक चम्मच नींबू के रस में दस बूंद तुलसी की पत्तियों का रस, चार काली मिर्च और दो पीपली का चूर्ण मिलाकर लें। इसे दो खुराक के तौर सुबह-शाम लें।

24-चेहरे पर मुंहासे होना एक आम समस्या है। इसे दूर करने के लिए नींबू रस में चंदन घिसकर लेप लगाएं। अगर दाद हो गया है, तो इसी लेप में सुहागा घिसकर लगाएं, आपको आराम मिलेगा।

25- कई बार लंबी दूरी की यात्रा करने पर शरीर में बहुत थकान महसूस होती है। ऐसे में एक गिलास पानी में दो नींबू निचोड़कर उसमें 50 ग्राम किशमिश भिगो दें। रातभर भीगने के बाद सुबह किशमिश पानी में मथ लें। यह पानी दिनभर में चार बार पिएं। इससे एनर्जी मिलेगी और बॉडी की फिटनेस भी बनी रहेगी।

26-अधिक थकान और अशांति के कारण कई बार नींद नहीं आती। अगर आप भी इस प्रॉब्लम से जूझ रहे हैं, तो लेमन रेमेडी अपनाएं। रात को सोने से पहले हाथ-पांव, माथे, कनपटी व कान के पीछे सरसों के तेल की मालिश करें। इसके बाद थोड़े से नीबू के रस में लौंग घिसकर चाट लें। ऐसा करने से आपको नींद बहुत जल्दी आएगी।

27-मोटापे से आजकल हर दूसरा शख्स परेशान होता है। इससे छुटकारा पाने के लिए आप मूली के रस में नीबू का रस व थोड़ा नमक मिलाकर नियमित रूप से लें। मोटापा दूर होगा।

28- अगर याददाश्त कमजोर हो गई है, तो गिरी, सोंठ का चूर्ण और मिश्री को पीसकर नींबू के रस में मिलाएं। फिर इसे धीरे-धीरे उंगली से चाटें।

29-सुंदर दिखना तो सभी चाहते हैं। अगर आपकी भी यही चाहत है, तो एक चम्मच बेसन, आधा चम्मच गेहूं का आटा, आधा चम्मच गुलाब जल और आधा चम्मच नींबू का रस मिलाकर लोशन तैयार करें। इसे धीरे-धीरे चेहरे पर मलें। कुछ ही दिनों में आपका चेहरा निखर जाएगा।

30- जहां तक हो सके, कागजी पीले रंग के नीबू का यूज करें। इसमें दो चुटकी सेंधा नमक या काला नमक मिला सकते हैं। यह टिप्स हमारी रीडर मीनू मोहले ने भेजे हैं।

गरम पानी पीने के फायदे

गरम पानी पीने के फायदे

सफाई और शुद्धी- यह शरीर को अंदर से साफ करता है। अगर आपका पाचन तंत्र सही नहीं रहता है, तो आपको दिन में दो बार गरम पानी पीना चाहिये। सुबह गरम पानी पीने से शरीर के सारे विशैले तत्‍व बाहर निकल जाते हैं, जिससे पूरा सिस्‍टम साफ हो जाता है। नींबू और शहद डालने से बड़ा फायदा होता है।

कब्‍ज दूर करे- शरीर में पानी की कमी हो जाने की वजह से कब्‍ज की समस्‍या पैदा हो जाती है। रोजाना एक ग्‍लास सुबह गरम पानी पीने से फूड पार्टिकल्‍स टूट जाएंगे और आसानी से मल बन निकल जाएंगे। मोटापा कम करे- सुबह के समय या फिर हर भोजन के बाद एक ग्‍लास गरम पानी में नींबू और शहद मिला कर पीने से चर्बी कम होती है। नींबू मे पेकटिन फाइबर होते हैं जो बार-बार भूख लगने से रोकते हैं।

कैसे तेजी से घटाएं अपना वज़न

कैसे तेजी से घटाएं अपना वज़न ?

वजन या खो करना एक ऐसा विषय है जिसपे जितने मुंह उतनी बातें सुनने को मिलती हैं कम करें. लोग एक से एक सुझावों या आहार योजना बताते हैं , जिसके हिसाब से वजन करना मानो बच्चों का खेल हो कम करें. पर हकीकत तो आप जानते ही हैं कि ये असल में कितना काम है चुनौती दे . इसीलिए मैं आज आपके साथ वजन कम करने के लिए , हिंदी में हिस्सेदारी कर रहा हूँ . मेरी कोशिश होगी की यह लेख हिंदी में इस विषय पर लिखे गए सबसे अच्छे लेखों में से एक हो .

वजन बढ़ने का विज्ञान बड़ा सीदा - साधा है . यदि आप खाने - रहे हैं जला उतनी ले पीने के रूप में जितनी कैलोरी नहीं करेंगे तो आपका वजन बढ़ना तय है . दरअसल बची हुई कैलोरी ही हमारे शरीर में वसा के रूप में इकठ्ठा हो जाती है और हमारा वज़न बढ़ जाता है .

वज़न कम करने की प्रक्रिया शुरू करने से पहले आपको ये जानना चाहिए कि आपका वर्तमान वजन सही है या नहीं . इसके लिए आप कृपया इस लेख को पढ़ें कैसे जानें आपका वज़न सही है या नहीं ? यहाँ से आप अपना बॉडी मास इंडेक्स जान पायेंगे . बीएमआई एक बहुत ही सरल उपकरण है जो आपके वज़न और लम्बाई के हिसाब से आपकी शरीर में कितना वसा है बताता है . आपका बीएमआई ये बताता है कि आप किस वजन वर्ग में आते हैं :

अब यदि आप अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त हैं तो ही आपको अपना वज़न कम करने की ज़रुरत है . और यदि आपको इसकी ज़रुरत है तो आपको ये भी जाना चाहिए कि जिस इस्थिति में आप पहुंचे हैं उसकी वज़ह क्या है . वैसे आम - तौर पर वज़न बढ़ने के दो कारण होते हैं :

खान - पान : वजन बढ़ने का सबसे प्रमुख कारण होता है हमारा खान - पान . यदि हमारे खाने में कैलोरी की मात्र अधिक होगी तो वज़न बढ़ने के मौके ज्यादा हो जाते हैं . अधिक तला - भुना , फास्ट फूड , देशी घी , कोल्ड ड्रिंक आदि पीने से शरीर में ज़रुरत से ज्यादा कैलोरी इकठ्ठा हो जाती हैं जिसे हम बिना अतिरिक्त प्रयास के जला नहीं कर पाते और नतीजा हमारे बढे हुए वज़न के रूप में दिखाई देता है . यदि आप इस बात की जानकारी रखें कि आपके शरीर को हर दिन कितने कैलोरी की आवश्यकता है और उतना ही करें तो आपका वजन नहीं बढेगा खपत करते हैं.
निष्क्रिय होना : अगर आपकी दिनचर्या ऐसी है कि आपको ज्यादा हाथ - पाँव नहीं हिलाने पड़ते तो आपका वजन बढ़ना लगभग तय है . ख़ास तौर पर जो लोग घर में ही रहते हैं या दिन भर कुर्सी पर बैठ कर ही काम करते हैं उन्हें जान - बूझ कर अपनी दैनिक जीवन में कुछ शारीरिक गतिविधि चाहिए करनी शामिल है. जैसे कि आप की जगह सीढ़ियों का प्रयोग करें उठा , अपने हित का कोई खेल खेलें , बैडमिंटन , टेबल टेनिस , इत्यादि कि जैसे . यदि आप एक ट्रेडमिल या जिम चक्र एक कर सकें और उसे नियमित रूप से प्रयोग करें तो काफी लाभदायक होगा बनती हैं. वैसे सबसे सस्ता और सरल उपाय है कि आप रोज़ कुछ देर टहलने की आदत डाल लें .

पर इसके अलावा भी कई कारणों से आपका वज़न बढ़ सकता है अन्य कारणों को आप यहाँ देख सकते हैं : वज़न बढ़ने के 10 प्रमुख कारण

अब जब आप वजन बढ़ने का कारण जान गए हैं तो या खो करना आपकी इच्छाशक्ति और जानकारी पर निर्भर करता है कम इसे . यहाँ मैं वजन करने की ऐसी ही कुछ टिप्स हिंदी में हिस्सा खो कर रहा हूँ . उम्मीद है ये जानकारी आपके काम आएगी .
हिन्दी में अपना वजन कम करने के लिए सुझाव

1 .सब्र रखें : याद रखिये की आज जो आपका वजन है वो कोई दो - दिन या दो महीने की देन नहीं है . ये तो बहुत समय से चली आ रही आपकी जीवन शैली का नतीजा है . और यदि आपको वजन घटाने करना है तो निश्चित रूप से आपको सब्र रखना होगा . बेंजामिन फ्रैंकलिन का ये कथन - " जिसके पास धैर्य है वह जो चाहे वो पा सकता है . " हमेशा मुझे प्रेरित करता है . तो आप भी तैयार रहिये कि इस काम में वक़्त लगेगा . हो सकता है शुरू के एक - दो हफ्ते आपको अपने वज़न में कोई अंतर ना नज़र आये पर येही वो वक़्त है जहाँ आपको मजबूत बने रहना है , धैर्य रखना है , हिम्मत रखना है .

 2 अपने प्रयासों में यकीन रखिये . किसी भी और चीज से ज्यादा ज़रूरी है कि आप वजन घटाने के लिए जो प्रयासों कर रहे हैं उसमे आपका यकीन होना . यदि आप एक तरफ प्रतिदिन जिम जा रहे हैं और दूसरी तरफ दोस्तों से ये कहते फिर रहे हैं कि जिम - विम जाने का कोई फायदा नहीं है तो आपका अवचेतन मन भी इसी बात को मानेगा , और सच - मुच आपको अपने एफ्फोर्ट्स का कोई रिजल्ट नहीं मिलेगा . खुद से सकारात्मक बात करना बहुत ज़रूरी है . आप खुद से कहिये कि , " मैं फिट हो रहा हूँ " , " मुझे परिणाम मिल रहे हैं " , आदि .

3.Visualize करिए : आप जैसा दिखना चाहते हैं वैसे ही खुद के बारे में सोचिये . यकीन जानिये ये आपको वजन करने में मदद करेगा खो देते हैं. आप चाहें तो आप अपने कमरे की दीवार , या कंप्यूटर स्क्रीन पर कुछ वैसी ही फोटो लगा सकते हैं जैसा कि आप दिखना चाहते हैं . रोज़ खुद को वैसा देखना उस चीज को और भी संभव बनाएगा .

4. नाश्ते के बाद , पानी को अपना मुख्य पेय बनाएं : . नाश्ते के वक़्त संतरे का रस , चाय , दूध इत्यादि ज़रूर लें लेकिन उसके बाद पुरे दिन पानी को ही पीने के लिए इस्तेमाल करें . कोल्ड - ड्रिंक को तो छुए भी नहीं और चाय - . कॉफ़ी पर भी पूरा नियंत्रण रखें इस तरह आप हर रोज़ करीब 200-250 कैलोरी करेंगे उपभोग कम .

5.Pedometer का प्रयोग करें : ये एक ऐसी युक्ति है जो आप के हर कदम को गिनती करता है . इसे अपने बेल्ट में लगा लें और कोशिश करें की हर रोज़ 1000 अतिरिक्त कदम चला जाये . जिनका वजन अधिक होता है वो आम तौर पर दिन भर में बस दो से तीन हज़ार कदम ही चलते हैं . यदि आप इसमें 2,000 कदम और जोड़ दें तो आपका वर्तमान वजन बना रहेगा और उससे ज्यादा चलने पर वज़न कम होगा . एक मानक pedometer की कीमत 1000 से 1500 से रुपये तक होती है .

पदगणित्र
6. अपने साथ एक छोटी सी डायरी रखें : आप जो कुछ भी खाएं उसे इसमें लिखें . रिसर्च में पाया गया है कि जो लोग ऐसा करते हैं वो औरों से 15 % कम कैलोरी करते हैं खपत करते हैं.

7. जानें कितनी कैलोरी आप लेते हैं , और उसमे 10 % जोड़ कर दें : यदि आपको लगता है कि आप हर रोज़ 1800 कैलोरी लेते हैं और फिर भी आपका वज़न नहीं हो नियंत्रित रहा है तो शायद आप अपनी कैलोरी की मात्रा का गलत अनुमान लगा रहे हैं . आम तौर पर यदि आप अपने अनुमान में 10 % और जोड़ दें तो आपका अनुमान ज्यादा सटीक हो जायेगा . उदाहरण के लिए : 1800 की जगह 1800 + 180 = 1980 कैलोरी .

8. तीन समय खाने की बजाये 5-6 बार थोडा - थोडा खाएं : . दक्षिण अफ्रीका में हुई शोध एक में ये पाया गया की यदि व्यक्ति सुबह , दोपहर , शाम खाने की बजाये दिन भर में 5-6 बार थोड़ा - थोड़ा खाए तो वो कम कैलोरी 30 % करता है खपत करते हैं. और यदि वह उतनी ही कैलोरी ले रहा है जितना की वो तीन बार खाने में लेता है तो भी ऐसा करने से शरीर कम इंसुलिन रिलीज करती है , जो की आपके रक्त शर्करा को सही रखता है और आपको भूख भी कम लगती है .

9. रोज़ 45 मिनट टहलिए : . रोज़ 30 मिनट टहलना आपका वजन बढ़ने नहीं देगा लेकिन यदि आप अपना वजन घटाना 45 मिनट रोज़ टहलना चाहिए कम कम से तो चाहते हैं . अगर आप रोज़ ऐसा कर लेते हैं तो बिना अपना खान - पान बदले भी आप साल भर में 15kg वज़न कम कर सकते हैं . और यदि आप ये काम सुबह सुबह ताज़ी हवा में करें तो बात ही कुछ और है . पर इसके लिए आपको डालनी होगी सुबह जल्दी उठने की आदत .

10. नीले रंग का अधिक प्रयोग करें : नीला रंग भूख को कम करता है . यही वजह है कि अधिकतर रेस्तरां इस रंग का प्रयोग कम करते हैं . तो आप खाने में नीले रंग प्लेटें करें उपयोग , नीले कपडे पहने , और टेबल पर नीला मेज़पोश डालें . इसके विपरीत , लाल, पीला , और नारंगी रंग खाते वक़्त करें बचने , ये भूख बढाते हैं .

11. अपने पुराने कपड़ों को दान कर दें : एक बार जब आप सही वजन पा चुके हैं तो अपने पुराने कपडे , जो अब आपको ढीला होंगे , उन्हें किसी को दान कर दें . ऐसा करने से दो फायदे होंगे . एक तो आपको कुछ दान कर के ख़ुशी होगी और दूसरा आपके दिमाग में एक बात रहेगी कि यदि आप फिर से मोटे हुए तो वापस इतने कपडे खरीदने होंगे . ये बात आपको अपना वजन सही रखने के करेगी प्रोत्साहित करते लिए .

12. खाने के लिए छोटी प्लेट का प्रयोग करें : . अद्ध्यनो से पता चला है कि चाहे आपको जितनी भी भूख लगी हो , यदि आपके सामने कम खाना होगा तो आप कम खायेंगे , और यदि ज्यादा खाना रखा है तो आप ज्यादा खायेंगे . तो अच्छा होगा कि आप थोड़ी छोटी थाली उसे करें जिसमे कम खाना आये . इसी तरह चाय - कॉफ़ी के लिए भी छोटे कप प्रयोग करें बार बार खाना लेना आपका कैलोरी की मात्रा बढाता है इसलिए आपको जितना खाना है उसी हिसाब से एक ही बार में उतना खाना ले लें . .

13. जहां खाना खाते हों वहाँ सामने एक शीशा लगा लें : एक अध्ययन में ये पाया गया कि शीशे के सामने बैठ कर खाने वाले लोग कम खाते हैं . शायद खुद को आकार देखकर उन्हें ये याद दिलाता हो कि वजन कम करना उनके लिए बेहद ज़रूरी है की बाहर .

14.Water युक्त भोजन खाएं : होता है कम पेनसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी की एक शोध में पाया गया है कि पानी युक्त भोजन , जैसे कि टमाटर , लौकी , खीरा , आदि खाने से आपका कुल कैलोरी खपत इसलिए इनका अधिक से अधिक प्रयोग करें . .

15.Low वसा वाले दूध का प्रयोग करें : चाय , कॉफ़ी बनाने में , या सिर्फ दूध पीने के लिए भी स्किम दूध का उपयोग करें , जिसमे कैल्शियम ज्यादा होता है और कैलोरी कम .

16.90 % खाना घर पर ही खाएं : अधिक से अधिक घर पर ही खाना खाएं , और यदि आप बाहर भी घर का बना खाना ले जा सकते हों तो ले जायें . बाहर के खाने में ज्यादातर उच्च वसा और उच्च कैलोरी होती हैं . इनसे बचें .

17. धीरे - धीरे खाएं : धीरे खाने से आपका ब्रेन पेट भर जाने का सिग्नल पहले ही दे देगा और आप कम खायेंगे .

18. तभी खायें जब सचमुच भूख लगी हो : कई बार हम बस यूँहीं खाने लगते हैं . कई लोग आदत , उदासी , या घबराहट की वज़ह से भी खाने लगते हैं . अगली बार तभी खाएं जब आपको वाकई में भूख सहन ना हो . यदि आप कोई विशिष्ट चीज खाने के लिए खोज रहे हैं तो ये भूख नही बस स्वाद बदलने की बात है , जब सच में भूख लगेगी तो आपको जो कुछ भी खाने को मिलेगा आप खाना पसंद करेंगे .

 19. जूस पीने की बजाये फल खाएं : जूस पीने की बजाये फल खाएं , उससे आपको वही लाभ होंगे , और जूस की अपेक्षा फल आपकी भूख को भी कम करेगा , जिससे कुल मिलाकर आप कम खायेंगे .

20 ज्यादा से ज्यादा चलें : आप जितना ज्यादा चलेंगे आपकी कैलोरी उतना ही अधिक होंगी जला . लिफ्ट की जगह सीढ़ियों का इस्तेमाल करना , आस - पास पैदल जाना आपके लिए मददगार साबित होगा . घर में भी आप दिन भर में एक - दो बार अपनी छत का चक्कर लगाने की कोशिश करें . छोटे - छोटे प्रयासों बड़ा परिणाम देंगे .

21. हफ्ते में एक दिन कोई भारी काम करें : हर हफ्ते कोई एक भारी काम या गतिविधि करें . जैसे की आप अपनी बाइक या कार धोने का सोच सकते हैं , बच्चों के साथ कहीं घूमने जाने का योजना कर सकते हैं , या अपने पति या पत्नी की हेल्प करने के लिए घर की सफाई कर सकते हैं .

22. ज्यादातर कैलोरीज़ दोपहर से पहले कंस्यूम कर लें . अध्ययन से पता चला है कि जितना अधिक आप दिन के वक़्त खा लेंगे रात में आप उतना ही कम खायेंगे और दिन में जो की है उपभोग आपने कैलोरी उसके रात तक हो जाने के मौके जला अधिक हैं .

23. डांस करें : जब कभी आपको वक़्त मिले तो बढ़िया संगीत लगा कर डांस करें . ऐसा करने से आपका मनोरंजन भी होगा और अच्छी - खासी कैलोरी भी जाएँगी हो जला . यदि आप इसको दिनचर्या में ला पाएं तो बात ही क्या है .

24 . नींबू और शहद का प्रयोग करें : . रोज सुबह हल्के गुनगुने पानी के साथ नीबू और शहद का सेवन करें ऐसा करने से आपका वज़न कम होगा . यह उपाय हमारे पाठक श्री वी डी शर्मा जी ने अपने अनुभव के मुताबिक बताया है . ऐसा करके उन्होंने अपना वज़न 10 किलो तक कम किया है . उम्मीद है यह आपके लिए भी कारगर होगा .

25 . दोपहर में खाने से पहले 3 ग्लास पानी पीयें : ऐसा करने से आपको भूख कुछ कम लगेगी , और यदि आप अपना वज़न कम करना चाहते हैं तो भूख से थोडा कम खाना आपके लिए लाभदायक रहेगा .

मोटापा घटाने केलिए कुछ आयुर्वेदिक नुस्खेँ

मोटापा घटाने केलिए कुछ आयुर्वेदिक नुस्खेँ

मोटापे को लेकरकई लोग परेशानरहतें हैं और इससेछुटकारा पाना चाहतेंहैं ! कुछ उपाय ढूंढकर उनको प्रयोग में लातें हैं लेकिन कई बार ऐसा देखा गया हैकि हर उपाय हरआदमी के लिएफायदेमंदनहीं हो पाता हैजिसके कारणउनको निराश होनेकि आवश्यकतानहीं है औरउनको दुसरा उपायअपनाना चाहिए !आज में आपके सामनें मोटापे को दूर भगाने के लिए कुछ सामान्यआयुर्वेदिक नुस्खेँ लेकर आया हूँ! जिनका प्रयोग करके फायदा उठाया जा सकता है !

1. मूली के रस मेंथोडा नमक और निम्बूका रस मिलाकरनियमित रूप से पीने से मोटापा कमहो जाता है और शरीरसुडौल हो जाता है !

2. गेहूं, चावल, बाजराऔर साबुत मूंगको समान मात्रा मेंलेकर सेककरइसका दलियाबना लें !इस दलिये में अजवायन 20 ग्राम तथा सफ़ेदतिल 50 ग्रामभी मिला दें ! 50 ग्रामदलिये को 400मि.ली.पानी मेंपकाएं !स्वादानुसार सब्जियां और हल्का नमक मिला लें !नियमित रूप से एकमहीनें तक इस दलिये के सेवन से मोटापा और मधुमेह में आश्चर्यजनकलाभ होता है !

3. अश्वगंधा के एकपत्ते को हाथ सेमसलकर गोली बनाकर प्रतिदिनसुबह,दोपहर,शामको भोजन से एकघंटा पहलेया खाली पेट जल केसाथ निगल लें ! एकसप्ताह के नियमितसेवन के साथफल, सब्जियों, दूध, छाछ और जूस पर रहते हुए कईकिलो वजन कमकिया जा सकता है !

4. आहार में गेहूं केआटे और मैदा से बनेसभी व्यंजनों का सेवन एक माह तक बिलकुल बंद रखें ! इसमें रोटी भीशामिल है !अपना पेट पहले के4-6 दिन तक केवलदाल, सब्जियां औरमौसमी फल खाकरही भरें ! दालों में आपसिर्फ छिलकेवाली मूंग कि दाल, अरहर या मसूर कि दाल ही ले सकतें हैं चनें या उडदकि दाल नहीं !सब्जियों में जो इच्छा करें वही ले सकते हैं !गाजर, मूली, ककड़ी,पालक, पतागोभी, पके टमाटर औरहरी मिर्च लेकरसलाद बना लें ! सलाद पर मनचाही मात्रा में कालीमिर्च, सैंधा नमक, जीरा बुरककर औरनिम्बू निचोड़ करखाएं ! बस गेहूंकि बनी रोटी छोडकरदाल, सब्जी, सलाद और एक गिलास छाछका भोजन करते हुए घूंट घूंट करके पीते हुए पेट भरना चाहिए ! इसमें मात्रा ज्यादा भी हो जाए तो चिंता कि कोई बात नहीं ! इस प्रकार 6-7 दिन तक खाते रहें !इसके बाद गेहूंकि बनी रोटी किजगह चना और जौ के बने आटे कि रोटी खाना शुरू करें !

5 किलो देशी चना और एक किलो जौ को मिलकर साफ़ करके पिसवा लें !6-7 दिन तक इस आटे से बनी रोटी आधी मात्रा में औरआधी मात्रा मेंदाल,सब्जी,सलाद और छाछ लेना शुरू करें ! एकमहीने बाद गेहूंकि रोटी खाना शुरूकर सकते हैं लेकिनशुरुआत एक रोटी सेकरते हुए धीरे धीरेबढाते जाएँ ! भादों केमहीने में छाछका प्रयोगनहीं किया जाता हैइसलिए इस महीनें मेंछाछ का प्रयोगनां करें !!

5. एरण्ड की जड़का काढ़ा बनाकरउसको छानकर एक एक चम्मच की मात्रा में शहद के साथ दिन में तीन बार नियमितसेवन करने सेमोटापा दूरहोता है !!

6. चित्रक कि जड़का चूर्ण एक ग्रामकी मात्रा में शहद केसाथ सुबह शामनियमित रूप से सेवन करने और खानपान का परहेज करनें से भी मोटापा दूर किया जा सकता है !!

Friday 14 August 2015

कुछ उपयोगी आयुर्वेदिक नुस्खे

कुछ उपयोगी आयुर्वेदिक नुस्खे

सर्दी, जुकाम, बुखार और कमजोरी महसूस होती हो तो इन दवाईयों को आजमायें। यह सीतोपलादि चूर्ण का घर पर तैयार किया गया नुस्खा है

• दाल चीनी साढ़े ग्राम, इलायची छोटी पच्चीस ग्राम, पीपल छोटी पचास ग्राम, बंसलोचन सौ ग्राम, मिश्री दो सौ ग्राम। उपर्युक्त सामान को अलग-अलग कूट-पीसकर एक साथ मिलाकर कांच की शीशी में भर कर रख लें। इसे दोनों समय पानी या दूध के साथ सेवन करें।
• जुकाम के लिये चाय: तुलसी की बीस पत्तियां, गोल काली मिर्च पंद्रह तोड़कर, मिश्री डेढ़ तोला। इन्हें ढाई सौ ग्राम पानी में डालकर पकने दें। जब डेढ़ छटाक रह जाये तो इसमें थोड़ा दूध मिलाकर गर्म-गर्म पी लें।
• गुलबनफशा आधा तोला, काली मिर्च के दस दाने तोड़कर धीमी आंच में पकायें, एक छटांक रहने पर छानकर आधा तोला मिश्री मिलाकर गुनगुना रहते पी लें और आधा घंटा के लिये चादर ओढ़ कर लेटें। इसे सुबह शाम दोनों समय एक सप्ताह से पंद्रह दिन तक लें।
• उपर्युक्त सीतोपलादि चूर्ण दो आना भर (डेढ़ ग्राम) गोदन्ती भस्म 2 रत्ती, दोनों समय शहद में मिलाकर लें।
• सीतोपलादि चूर्ण डेढ़ ग्राम, काली मिर्च या गोल सफेद मिर्च के पांच दाने, छोटी पीपल दो रत्ती, शहद या एक पाव गर्म दूध के साथ सुबह-शाम दोनों समय लें। इससे हर समय रहने वाला मन्द ज्वर अवश्य ठीक होगा।
• मलेरिया : लाल चंदन छ: माशा, पदमाक छ: माशा, धनिया छ: माशा, गुरुच (हरी ताजी) एक तोला, नीम की छाल अंदर वाली छ: माशा, (एक खुराक के लिये) सब चीजें कूटकर ढाई सौ ग्राम पानी में एक हांडी में रात्रि को भिगों दें। सुबह पकायें। जब पानी एक छटाक रह जाये तो इसमें दो रत्ती पीपल छोटी, छ: रत्ती वंसलोचन एवं आधा तोला मिश्री मिलाकर सुबह बासी मुंह पियें। इसे दिन में एक बार पीना पर्याप्त है।
• शाम के समय पीपल छोटी दो रत्ती, बंसलोचन, छ: रत्ती, सतगिलोय चार रत्ती की एक खुराक शहद मिलाकर लें।
• भोजन के बाद दोनों समय अमृतारिष्ट दो तोला-ढाई तोला ताजा जल में मिलाकर लें।
• मन्दाग्नि, मंद ज्वर, हृदय स्ायु दौर्बल्य के लिये चूर्ण, पांच तोला सौंफ, ढाई तोला आंवला, छ: माशा नागकेसर, डेढ़ माशा सोंठ, गोल मिर्च डेढ़ माशा, पीपल बड़ी डेढ़ माशा, लेकर चूर्ण बना लें। छ: माशा की मात्रा नित्य प्रात:काल मिश्री मिलाकर लें। (सात से आठ बजे के बीच)।
• संध्या समय पांच-छ: बजे के लगभग काला नमक एवं सेंधा नमक की दो चुटकी मिलाकर पानी के साथ सेवन करें।
• आयुर्वेदिक चाय (सर्दी) : तुलसी की पत्ती पांच तोला, गोला मिर्च एक तोला, सोंठ एक तोला, पीपल बड़ी आधा तोला, इलायची बड़ी छ: माशा, दालचीनी तीन माशा को कूट पीसकर रख लें। आधा लीटर पानी में दो चाय की चम्मच भर यह चूर्ण डालकर उबाल लें, दूध और चीनी डालकर पियें।
• वमन, बदहजमी, पित्त: सूखा पोदीना एक तोला, जीरा भुना एक तोला, गोल मिर्च एक तोला, काला नमक एक तोला, अनारदाना दो तोला, अलग-अलग कूट-पीसकर मिलाकर रखें। एक चुटकी दिन में कई बार पानी से लें।
• दिमागी कमजोरी (नींद कम आना, स्मरणशक्ति का कम होना) : शंखपुष्पी तीन माशा, ब्राह्मी एक माशा, बादाम पांच दाना, गोल मिर्च सात दाना, छोटी इलायची दो (एक खुराक के लिये) पीसकर छान लें, सुबह के समय मिश्री मिलाकर दूध के साथ लें।